उज्जैन विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों का विवाद अब सीएम हाउस तक पहुंचा गया है जिससे मंदिर की छवि धूमिल हो रही है। सीएम को लिखे गए शिकायती पत्र में मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु की सीएम से नजदीकियों का जिक्र किया गया और शिकायत की गई कि आपके संबंधों का हवाला देकर पंडित सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर शिव लिंग के क्षरण को रोकने के प्रयास को अनदेखा कर रहे है और जब उन्हें रोका जाता है तब वो पंडितों को धमका रहे है साथ ही प्रदीप पुजारी द्वारा सीएम के नाम का उपयोग कर मंदिर में भय का माहौल बनाने की बात पत्र में लिखी है।महाकालेश्वर मंदिर के वरिष्ठ पुजारी महेश गुरु और प्रदीप गुरु के बीच 11 मई को हुए विवाद के बाद 3 जून को भस्म आरती के दौरान फिर से विवाद की स्थिति बनी जिसके बाद महाकाल मंदिर समिति ने इस पर सज्ञान भी लिया है। अब विवाद बढ़ता देख महेश पुजारी ने सीएम हाउस को शिकायती पत्र भेजा है। पत्र वायरल होने के बाद मंदिर में हड़कंप मचा हुआ है। महेश पुजारी ने पत्र में प्रदीप गुरु द्वारा सीएम से नजदीकियों का जिक्र करते हुए मंदिर की छवि धूमिल करने और महाकाल मंदिर के पंडित पुरोहितों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है। ये पत्र रविवार देर रात को वायरल हो गया। अखिल विश्व पुजारी महा संघ की और से सीएम को लिखे गए पत्र में प्रदीप गुरु पर सिलसिले वार आरोप लगा कर सीएम से संबंधों के चलते प्रदीप गुरु पंडितों पर दबाव बनाकर अनावश्यक परेशान करते है साथ ही उनकी पूजा में भी व्यवधान उत्पन्न करते है जिससे मंदिर की छवि खराब हो रही है।

महेश पुजारी द्वारा सीएम को लिखे गए पत्र में आरोप

प्रदीप गुरु द्वारा नियम विरुद्ध पूजा सामग्री अबीर गुलाल कंकू और पंचामृत अधिक मात्रा में शिवलिंग पर चढ़ाना, अपने यजमानों को 15 मिनट तक गर्भगृह में रोककर पूजन अर्चन कराना , साथ ही उस दौरान किसी अन्य पुजारी पुरोहित और श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश करने से रोकना सहित उन्हें अपमानित करने और मंदिर में भय का वातावरण बनाया जाता है।मंदिर समिति के अधिकारी कर्मचारी भी उक्त समिति सदस्यों को आपसे संबंध होने के कारण नियम विरुद्ध कार्य करने पर भी रोकने में लाचार और असमर्थ हैं।शिवरात्रि पर्व पर भस्म आरती के दौरान करीब 765 लीटर रस शिवलिंग पर चढ़ाया गया जबकि ये सीधा-सीधा सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है।शिवलिंग पर होने वाले भांग श्रृंगार में 3 किलो भांग लगाने का निर्णय है लेकिन प्रदीप पुजारी नियम विरुद्ध 5 से 10 किलो तक भांग चढ़ा रहे हैं।

ये था विवाद

11 मई को महाकाल मंदिर के गर्भगृह में अपने यजमान के साथ पूजन कर रहे प्रदीप गुरु ने गर्भ ग्रह में पुजारी महेश पुजारी को गर्भ गृह के अंदर आने से रोक दिया था। जिसके बाद महेश पुजारी ने इसकी शिकायत मंदिर समिति के प्रशासक को की थी। शिकायत के बाद विवाद इतना बड़ा की नौबत सड़क पर हुए विवाद तक आ गई। इसके बाद 3 जून को फिर विवाद की स्थिति बनी और अब विवाद सीएम तक पहुंच गया।

सीएम के नाम का भय

महाकाल मंदिर में पुजारी महेश पुजारी ने कहा कि पत्र मेरे द्वारा ही लिखा गया है। प्रदीप पुजारी सीएम के नाम का भय बताकर मंदिर के नियमों की अनदेखी करते है और पुजारियों को डराते है। जिस पर हमने सीएम शिवराज सिंह को पत्र लिखकर अवगत कराया है।

मैंने कभी भी दुरुपयोग नहीं किया

पंडित प्रदीप गुरु ने अपने पर लगे आरोप पर कहा की मंदिर के अंदर कोई भी ऐसा कार्य नहीं किया है जिससे शिकायत का मौका मिले। कुछ लोग शिकायत कर रहे हैं। मैंने कभी भी दुरुपयोग नहीं किया और ना ही कभी प्रयास किया है। मैं मंदिर हित में काम करता हूं आगे भी करता रहूंगा । 3 जून को भी मुझे पंचामृत पूजन करने से रोका। मैं जनेऊधारी पुजारी हूं । पूजा करने से कोई नहीं रोक सकता। मेरी छवि धूमिल करने के लिए शिकायत की जा रही है।

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