Ukrain पर हमले के बाद रूस (Russia) को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करने की पश्चिमी देश पूरी कोशिश कर रहे हैं, और भारत (India) पर भी दबाव है कि वो सार्वजनिक तौर पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) की आलोचना करे. लेकिन भारत अब तक व्लादिमिर पुतिन की आलोचना का दबाव टालता रहा है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार पर खासकर अपने क्वाड (QUAD) सहयोगियों, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का दबाव भी है कि वो रूस को सीजफायर के लिए मनाने में मदद करे.

Ukraine War के बाद PM Modi पर है Putin की आलोचना का दवाब : रिपोर्ट | (File Photo)

दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी 

से शनिवार को मुलाकात के बाद जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने अपील करते हुए कहा था कि ऐसे समय में जब पुतिन के युद्ध ने “वैश्विक व्यवस्था को हिला दिया” है,  लोकतंत्रों के बीच अधिक सहयोग होना चाहिए.  प्रधानमंत्री मोदी ने इसके उलट केवल आर्थिक संकट पर ही बात रखी. प्रधानमंत्री मोदी की सोमवार को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से बात होनी है, जबकि अमेरिका के राजनैतकि मामलों की उपमंत्री विक्टोरिया नुलैंड एक हफ्ते के आखिर में भारत यात्रा पर आ सकती हैं. इन्होंने यूक्रेन को लेकर अमेरिकी प्रतिक्रिया में अहम भूमिका निभाई है.  

पर हमले के बाद रूस (Russia) को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करने की पश्चिमी देश पूरी कोशिश कर रहे हैं, और भारत (India) पर भी दबाव है कि वो सार्वजनिक तौर पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) की आलोचना करे. लेकिन भारत अब तक व्लादिमिर पुतिन की आलोचना का दबाव टालता रहा है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, 

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार पर खासकर अपने क्वाड (QUAD) सहयोगियों, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का दबाव भी है कि वो रूस को सीजफायर के लिए मनाने में मदद करे.

दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी 

से शनिवार को मुलाकात के बाद जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने अपील करते हुए कहा था कि ऐसे समय में जब पुतिन के युद्ध ने “वैश्विक व्यवस्था को हिला दिया” है,  लोकतंत्रों के बीच अधिक सहयोग होना चाहिए.  प्रधानमंत्री मोदी ने इसके उलट केवल आर्थिक संकट पर ही बात रखी. प्रधानमंत्री मोदी की सोमवार को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से बात होनी है, जबकि अमेरिका के राजनैतकि मामलों की उपमंत्री विक्टोरिया नुलैंड एक हफ्ते के आखिर में भारत यात्रा पर आ सकती हैं. इन्होंने यूक्रेन को लेकर अमेरिकी प्रतिक्रिया में अहम भूमिका निभाई है.  

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